Ambedkar Jayanti 2023 : अंबेडकर इतना प्रसिद्ध क्यों है? | भीमराव आंबेडकर से जुडी जरूरी जानकारी

Ambedkar Jayanti 2023 : अंबेडकर इतना प्रसिद्ध क्यों है? | भीमराव आंबेडकर से जुडी जरूरी जानकारी 



 Ambedkar Jayanti 2023 Date: संविधान के निर्माता, दलितों के मसीहा और मानवाधिकार आंदोलन के प्रकांड विद्वता बाबा साहेब डॉक्टर भीमाराव अंबेडकर का जन्मदिवस हर साल 14 अप्रैल को मनाया जाता है. डॉ. अंबेडकर की जयंती पर उनके जनकल्याण के लिए किए गए अभूतपूर्व योगदान को याद किया जाता है. बाबा साहेब निचले तबके से तालुक रखते थे. बचपन से ही समाजिक भेदभाव का शिकार हुए. यही वजह थी कि समाज सुधारक बाबा भीमराव अंबेडकर ने जीवन भर कमजोर लोगों के अधिकारों के लिए लंबा संघर्ष किया. महिलाओं को सशक्त बनाया. इस साल बाबा भीमराव अंबेडकर की 132वीं जयंती मनाई जाएगी.आइए जानते हैं बाबा भीमराव अंबेडकर के बारे में रोचक बातें, इतिहास.



अंबेडकर इतना प्रसिद्ध क्यों है?

डॉ. बीआर अम्बेडकर लोकप्रिय रूप से बाबासाहेब अम्बेडकर के नाम से जाने जाते थे और सभी जानते हैं कि वे भारतीय संविधान के निर्माताओं में से एक थे। वे एक बहुत प्रसिद्ध राजनीतिक नेता, प्रख्यात न्यायविद, बौद्ध कार्यकर्ता, दार्शनिक, मानवविज्ञानी, इतिहासकार, वक्ता, लेखक, अर्थशास्त्री, विद्वान और संपादक भी थे। अम्बेडकर ने अस्पृश्यता जैसी सामाजिक बुराइयों को मिटाने और दलितों और अन्य सामाजिक रूप से पिछड़े वर्गों के अधिकारों के लिए जीवन भर संघर्ष किया। डॉ अम्बेडकर को जवाहरलाल नेहरू के मंत्रिमंडल में भारत के पहले कानून मंत्री के रूप में नियुक्त किया गया था। उन्हें मरणोपरांत 1990 में भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया था।


क्यों मनाई जाती है डॉ भीमराव अंबेडकर जयंती 

डॉ. भीमराव अंबेडकर ने कमजोर और पिछड़ा वर्ग को समान अधिकार दिलाने, जाति व्यवस्था का कड़ा विरोध कर समाज में सुधार लाने के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया. यही वजह है कि बाबा साहेब की जयंती को भारत में जातिगत भेदभाव और उत्पीड़न जैसी सामाजिक बुराइयों से लड़ने, समानता दिवस और ज्ञान दिवस के रूप में मनाया जाता है. उन्होंने जाति व्यवस्था का कड़ा विरोध कर समाज में सुधार लाने का काम किया है.

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