What is Farraris Principle (फैरासिस सिद्धान्त क्या है?)
यदि एक फेज धारा को किसी स्टेटर में प्रयुक्त किया जाये, तो इससे प्रत्यावर्ती चुम्बकीय क्षेत्र उत्पन्न होता है, जिसे फैरासिस सिद्धान्त के अनुसार दो घूर्णक क्षेत्रों में विघटित किया जा सकता है। इनमें से प्रत्येक क्षेत्र परिमाण (magnitude) में आधा होता है तथा तुल्यकाली गति पर विपरीत दिशा में घूमता रहता है।
नीचे दिए गए चित्र के अनुसार कल्पना कीजिये कि उपरोक्त प्रकार के दो घूर्णक क्षेत्र X- अक्ष से शून्य समय से प्रारम्भ होकर कोणीय वेग (angular velocity) से घूर्णन कर रहे हैं, तब समय पश्चात् नं० 1 घूर्णक का क्षेत्र X घटक H cos = wt
नं० 2 घूर्णक क्षेत्र का X घटक = H cos wt
कुल X घटक = H cos wt + H cos wt = 2 H cos wt
इसी प्रकार नं० 1 घूर्णक क्षेत्र का Y घटक = H sin wt तथा नं० घूर्णक क्षेत्र का Y घटक = - H sin wt
कुल Y घटक = 0
इस प्रकार दो घूर्णक क्षेत्र, एक प्रत्यावर्ती क्षेत्र 2 H cos wr में विघटित (resolve) हो जाते हैं जो कि अपने आयाम (amplitude) के दुगुने हैं। इस प्रकार एक प्रत्यावर्ती क्षेत्र को दो घूर्णक क्षेत्रों में विघटित किया जा सकता है जो कि तुल्यकालिक गति पर एक-दूसरे से विपरीत दिशा में घूमेंगे।
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